Prabhat Books
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संपादकीय

हिंदी की याद...
सितंबर का महीना अर्थात् हिंदी का महीना! हिंदी दिवस, हिंदी सप्ताह, हिंदी पखवाड़ा, हिंदी माह...! सरकारी कार्यालयों तथा निजी संस्थानों में अपनी-अपनी सुविधानुसार विविध आयोजन किए जाते हैं। ...और आगे

प्रतिस्मृति

अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी की क्षमता
पं. विद्यानिवास मिश्र अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी की क्षमता हिंदी में एक अंतरराष्ट्रीय भाषा होने की पूर्ण क्षमता है। ...और आगे

आलेख

उत्तरी अमेरिका के इंडियन
कुलदीप चंद अग्निहोत्री सुपरिचित लेखक। हि.प्र. केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति हैं। ...और आगे

ललित निबंध

रेमसिंग हँस रहा है
तरुण दांगोड़े सुपरिचित लेखक। आदिवासी लोक-साहित्य के अध्येता। हिंदी के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, जर्नलों में निबंध, शोध-पत्र एवं शोध-आलेख प्रकाशित। संप्रति माखनलाल चतुर्वेदी शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, खंडवा में अध्यापन कार्य। ...और आगे

कविता

उत्सव रंगों का उत्सव रंगों का
सुधा कुमारी सुपरिचित रचनाकार। अंग्रेजी कविता-संग्रह 'द टाइड' एमेजॉन सहित विश्व की ४५ वेबसाइट पर उपलब्ध। हिंदी लेख, व्यंग्य, कहानी-संग्रह ‘परिष्कृत और सुखी वातावरण’। '२१वीं सदी के १३१ श्रेष्ठ व्यंग्यकार' में व्यंग्य संकलित। छोटे-बड़े अनेक सम्मानों से सम्मानित। ...और आगे

राम झरोखे बैठ के

गोपाल चतुर्वेदी
यदि कोई राजनीति को पेशा माने तो सबसे प्रबल परिवार तंत्र सियासत है, पर कुछ लोग कहते हैं कि ऐसा है नहीं। स्वतंत्रता-संग्रामियों के लिए भारत की आजादी उनके जीवन का एक मिशन था। ...और आगे

कहानी

युवक, बेटा, पिता और वृद्ध
सुपरिचित साहित्यकार। 'दिशा देती कथाएँ' एवं 'बचपन का सफर'। ...और आगे

लघुकथा

जागरूकता
हरदेव सिंह धीमान् एक साहित्यिक पत्रिका ने एक कहानी विशेषांक निकाला, जिसमें देश के प्रतिष्ठित लेखकों की चुनिंदा कहानियाँ व कुछ अन्य सामग्री संकलित थी। ...और आगे

गजल

दस गजलें l
विज्ञान व्रत 'बाहर धूप खड़ी है', 'चुप की आवाज', 'जैसे कोई लौटेगा', 'तब तक हूँ', 'मैं जहाँ हूँ', 'लेकिन गायब रोशनदान', 'याद आना चाहता हूँ', (गजल-संग्रह); 'खिड़की भर आकाश' (दोहा-संग्रह); 'नेपथ्यों में कोलाहल' (नवगीत-संग्रह), 'अक्कड़-बक्कड़ इल्ली-गिल्ली' (बालगीत-संग्रह)। ...और आगे

लोक-साहित्य

मालवी बोली की कहावतें
विनय शर्मा मूलत: प्राध्यापक (हिंदी), विगत २५ वर्षों से प.म.व. गुजराती वाणिज्य महाविद्यालय, इंदौर (म.प्र.) में पदस्थ। ...और आगे

व्यंग्य

बीवी के हाथों पिटता वीर रस का कवि
अतुल कनक जाने-माने साहित्यकार। अब तक पूर्व्या (हिंदी नवगीत-संग्रह), आओ, बातां कराँ (राजस्थानी कविता-संग्रह), चलो, चूना लगाएँ ...और आगे

संस्मरण

कलकत्ते की एक याद
सुपरिचित लेखक। पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। कुछ रचनाएँ अंग्रेजी, उर्दू, मराठी, उड़िया आदि भाषाओं में अनूदित। संप्रति भारतीय रिजर्व बैंक में प्रबंधक। ...और आगे