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साहित्य का विश्व परिपार्श्व
सुपरिचित लेखक-अनुवादक। हिंदी के प्रतिष्ठित कथाकार, कवि तथा साहित्यिक अनुवादक। ... और आगे
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यात्रा-वृत्तांत
सुपरिचित लेखक एवं अनुवादक। हिंदी में १२ काव्य-संग्रह, एक यात्रा-वृत्तांत 'धुंध और आकार', अंग्रेजी में २ काव्य-संग्रह प्रकाशित। ... और आगे
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बाल-कहानी
सुपरिचित लेखक। व्यंग्य, कविता, ग़ज़ल, कहानी, लघुकथा, साक्षात्कार एवं लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। ... और आगे
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लोक-साहित्य
सुपरिचित लेखक। 'अरुणाचल का लोकजीवन', 'अरुणाचल के आदिवासी और उनका लोकसाहित्य', 'हिंदी सेवी संस्था कोश', 'राजभाषा विमर्श' एवं 'कथाकार आचार्य शिवपूजन सहाय', 'डॉ. मुचकुंद शर्मा : शेषकथा' संपादित ग्रंथ प्रकाशित। संप्रति उपनिदेशक राजभाषा।... और आगे
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ललित निबंध
सुपरिचित लेखक। पत्र-पत्रिकाओं में आलोचना, कविता, ललित-निबंध एवं कहानी प्रकाशित। विगत २०१८ से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में सहायक आचार्य पद पर कार्यरत।... और आगे
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व्यंग्य
सुपरिचित लेखक। लेखन क्षेत्र में बाल-साहित्य के साथ बाल-कहानियाँ, रचनाएँ निरंतर पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। माँ की सीख, आदमी से रक्षा, जंगल में दीवाली आदि अनेक कहानियाँ प्रकाशित।... और आगे
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राम झरोखे बैठ के
जैसे-तैसे मेडिकल साइंस तरक्की कर रही है, रोज नई चुनौतियाँ भी प्रगति पर हैं। भला किसने सोचा होगा कि बैठे-ठाले कोरोना की महामारी दुनिया को घेर लेगी? कुछ विशेषज्ञों का मत था कि इसकी उत्पत्ति में चमगादड़ का योगदान है। ... और आगे
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गजल
हास्य कवि, ग़ज़लकार एवं कार्टूनिस्ट। 'मुँड़ेरों पर चराग' ग़ज़ल-संग्रह सहित अनेक पत्र-पत्रिकाओं में ग़ज़ल प्रकाशित।... और आगे
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कविता
सुपरिचित रचनाकार। गीत, गजल, कहानी, एकांकी, निबंध, हास्य-व्यंग्य, बाल साहित्य एवं समालोचना विधाओं में विपुललेखन। ढेरों पुरस्कार एवं सम्मानों से सम्मानित।... और आगे
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आलेख
सुपरिचित लेखक। दैनिक समाचार-पत्र, मासिक पत्रिकाओं कल्याण, जाह्नवी, रचना, अंतसमणि में लेखन। अखिल भारतीय भाषा सहित भोपाल द्वारा राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित।... और आगे
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लघुकथा
सुसज्जित हाथी से उतरकर आलीशान राज महल के सभागार में राजा का प्रस्थान हुआ शंख ढोल तासे, नगाड़े, काँसे, बाँसुरिया, झाल करताल, तुरही, मृदंग जोर-जोर से बजने लगे। ... और आगे
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कहानी
सुपरिचित व्यंग्य-लेखक एवं उपन्यासकार। 'घूँघट के पट खोल', 'शहर बंद है', 'अटैची संस्कृति', 'अपने-अपने लोकतंत्र', 'फ्रेम से बड़ी तसवीर', 'कदंब का पेड़'...... और आगे
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प्रतिस्मृति
विलक्षण लोकयात्री देवेंद्र सत्यार्थी हिंदी साहित्य के बड़े अद्भुत कथाशिल्पी और किस्सागो थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन इस विशाल देश की धरती से उपजे लोकगीतों की खोज...... और आगे
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संपादकीय
नोबेल सम्मान मिलने के बाद कविवर रवींद्रनाथ टैगोर को देश-विदेश के अनेक संस्थानों द्वारा व्याख्यान देने हेतु आमंत्रित किया गया। इसी क्रम में उन्हें अहमदाबाद की एक संस्था ने व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया। ... और आगे
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