सतचित सुखमय शुद्ध ब्रह्म‍‍रूपा

ललित निबंध
मयंक मुरारी सुपरिचित लेखक। पत्र-पत्रिकाओं में अब तक ६०० से अधिक आलेख एवं आधा दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। ...और आगे
सहारा

सहारा

कहानी
उषा कश्यप सेवानिवृत्त शिक्षिका एवं लेखिका। अभी तक 'सार्थक होने का अहसास' (कहानी-संग्रह) तथा पत्र-पत्रिकाओं में अनेक कहानियाँ प्रकाशित।...और आगे

महानगरीय कचरा शिल्प की फटनशील ऊँचाई

व्यंग्य
बी.एल. आच्छा सुपरिचित आलोचक। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के उपन्यास, सर्जनात्मक भाषा और आलोचना, 'जल टूटता हुआ की पहचान', 'आस्था के बैंगन', 'पिताजी का डैडी' संस्करण व्यंग्य प्रकाशित...और आगे
शिक्षा में भारतीयता के पोषक : दीनानाथ बत्रा

शिक्षा में भारतीयता के पोषक : दीनानाथ बत्रा

स्‍मरण
प्रणय कुमार सुपरिचित शिक्षाविद्, वरिष्ठ स्तंभकार एवं लेखक। एक शिक्षण-संस्थान में जन-संपर्क अधिकारी एवं प्रशासनिक सदस्य के रूप में कार्यरत।...और आगे
खुशी की खोज

खुशी की खोज

राम झरोखे बैठ के
गोपाल चतुर्वेदी संसार में कौन है, जो सुखी नहीं रहना चाहता? नश्वर जीवन में सबकी आकांक्षा है कि यादों के ऐसे पल आते ही रहें।...और आगे
चार गजलें

चार गजलें

गजल
ओमप्रकाश यती सुपरिचित गजलकार। सात गजल-संग्रह तथा तीन चयनित गजलों के संग्रह; हरेराम समीपजी द्वारा संपादित एक संग्रह 'चुने हुए शेर' भी प्रकाशित। ...और आगे
गाँव में नौटंकी

गाँव में नौटंकी

हास्य कहानी
सुभाष चंदर जाने-माने व्यंग्यकार। व्यंग्य की १८ पुस्तकों सहित कुल ४८ पुस्तकों (राजभाषा, विज्ञान, बाल साहित्य आदि) का लेखन। सरकारी कामकाज में हिंदी, विज्ञान के क्षेत्र में भारत, भारत में कंप्यूटर क्रांति, चार्ली चैपलिन की कहानी, जब आसमान से तारे तोड़े आदि भी।...और आगे

कुंभ मेला : आध्यात्मिकता और सामाजिकता का उत्सव

आलेख
रश्मि सुपरिचित लेखिका। पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। दूरदर्शन, अन्य चैनलों एवं आकाशवाणी तथा देश के अन्य शहरों में मंच पर काव्य-प्रस्तुति। ...और आगे
कुंभ का उद्भव व प्राचीनता

कुंभ का उद्भव व प्राचीनता

आलेख
संजय चतुर्वेदी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के अनेक दायित्वों का निर्वहन। विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी में सक्रिय भूमिका। ...और आगे

हँसती आँखों के बाद

कविता
राजलक्ष्मी जायसवाल...और आगे

सार्थक जीवन की दिशा प्रदान करता है कुंभ मेला

आलेख
दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा ओजस्वी एवं विश्वविख्यात आध्यात्मिक प्रवक्ता। देशभर में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करते हुए विश्व हिंदू परिषद् के 'श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन' में भाग लिया और विभिन्न जातियों में बिखरे पड़े हिंदू समाज को एकता के सूत्र में बाँधते हुए आंदोलन से जोड़ा। ...और आगे

मेहनत एवं ईमानदारी

लघुकथा
संजय सिंह चौहान रामू काका एक छोटे से गाँव में रहने वाले गरीब और ईमानदार व्यक्ति थे। उनकी उम्र पचास के पार थी और वह गाँव के अमीर घरों में काम करके अपना गुजारा करते थे।...और आगे
जीवन संसिद्धि का अनुपम सद्दाम है—महाकुंभ पर्व

जीवन संसिद्धि का अनुपम सद्दाम है—महाकुंभ पर्व

आलेख
स्वामी अवधेशानंद गिरि पूज्य स्वामीजी का जीवन प्रेम और करुणा का पर्याय है। जीवन को सार्थकता देने वाली प्रेरक एवं दिव्य विभूति।...और आगे
कुछ गजलें

कुछ गजलें

प्रतिस्मृति
दुष्यंत कुमारमूल नाम दुष्यंत कुमार त्यागी। उन्होंने अपने काव्य-लेखन का आरंभ ‘दुष्यंत कुमार परदेशी’ के नाम से किया था। ...और आगे

हो गई है पीर पर्वत सी

संपादकीय
महाप्राण निराला की हिंदी गजल के ये दो शेर उनके गीत/गजल संग्रह 'बेला' से हैं, जो १९४६ में प्रकाशित हुआ था। निरालाजी लगभग १९४० में गजलों के प्रति आकृष्ट हुए तथा अनेक गजलों का सृजन किया।...और आगे