करूँगा मैं भी खोज

करूँगा मैं भी खोज

सुपरिचित लेखक। अब तक काव्य संकलन, बाल-कविताएँ एवं देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। ‘कलमकार पुरस्कार’, ‘काव्य भागीरथ सम्मान’, ‘अभजना साहित्य सम्मान’, ‘अभिति साहित्य सम्मान’ सहित कई सम्मान। 


पिकनिक पर
बच्चे सब आए पिकनिक पर,
ताली खूब बजाए।
गाना गाकर, गीत सुनाकर,
सबका मन बहलाए।
घर से जो खाना लाए थे, 
मिलकर हम सब खाए।
हवा चल रही ठंडी-ठंडी,
खूब पतंग उड़ाए।
सुंदर-सुंदर फूल खिले थे,
सबके मन को भाए।
चारों ओर छाई हरियाली,
देखकर जी हर्षाए।
फिक्र नहीं पढ़ने-लिखने की,
आजादी हम पाए।
शोर-शराबा व खेल-कूद,
खुश होकर बतियाए।
आया था आनंद बहुत ही,
नया ज्ञान भी पाए।
सीखी अच्छी बातें हमने,
साथी नए बनाए।।
मेरे दादू बहुत भले हैं 
दादू मुझको रोज सुनाएँ,
अच्छी-अच्छी कविता।
चित्र दिखाएँ, लगते सुंदर,
पर्वत, झरने, सरिता।
गणित, विज्ञान और कई विषय,
दादू मुझे पढ़ाते।
इतिहास, भूगोल और कला, 
अच्छे से समझाते।
दादू संग मैं नित शाम को,
पार्क टहला करता।
झट खरीद देते हैं दादू,
जो लेने को कहता।
सदाचार, संस्कार की बातें,
अकसर ही बतलाते।
राजा-रानी की कहानियाँ,
दादू मुझे सुनाते।
सुबह-सुबह वह जग जाते हैं,
नित्य टहलने जाते।
कभी जलेबी और दही को,
दादू लेकर आते।
विविध पेड़ हर साल लगाते,
करते हैं रखवाली।
कहते पेड़ों से जीवन है,
पेड़ों से खुशहाली।
मेरे दादू बहुत भले हैं,
वे बेहतर इनसान।
दुलार करें वह मेरा खूब,
मुझे उन पर अभिमान।
विज्ञान की खोजें
विज्ञान की खोजों से सबको,
मिली बहुत खुशहाली।
आसान हुआ सच में जीवन,
खोजें कई निराली।
हम ज्यों ही टी.वी. ऑन करें,
देखें कई प्रोग्राम।
कार्टून और फिल्म देखते,
जब न होता है काम।
गूगल से मिलता हमें ज्ञान,
विविध विषय बतलाए।
मोबाइल से पैसा भेजें,
दूजा झट पा जाए।।
वायुयान है उड़ता नभ में,
मशीन करे बहु काज।
टेलीपैथी से होते हैं,
अब रोगों के इलाज।
जब पड़ने लगती है गरमी,
चुए खूब पसीना।
पंखा-कूलर से हो राहत,
वरन् कठिन हो जीना।
एक बड़ा वैज्ञानिक बनकर,
करूँगा मैं भी खोज।
देश और समाज के हित में,
कार्य करूँगा रोज।
मुझको पढ़ना है विज्ञान
सदा मिले सत्य का ज्ञान।
मुझको पढ़ना है विज्ञान॥
कार जल्द सबको पहुँचाए, 
बल्ब से घर रोशन हो जाए।
रोग सभी हों दवा से दूर, 
ग्रह के सब रहस्य बताए।
गूगल लोग कहें महान। 
मुझको पढ़ना है विज्ञान॥
जहाज मुझे सैर करवाए, 
मोबाइल झट बात कराए। 
टी.वी. से सब देखें पिक्चर,
नाना विषय मुझे सिखलाए।
जिज्ञासा का करें निदान।
मुझको पढ़ना है विज्ञान॥
धरा पर क्यों होते दिन-रात,
ऋतुओं की क्यों मिली सौगात,
सजीवों के क्या होते लक्षण,
सूरज की दूरी मुझको ज्ञात।
यंत्रों का हुआ संधान।
मुझको पढ़ना है विज्ञान॥
गरमी में सब फ्रिज चलाते,
एसी से ठंडक हम पाते।
विज्ञान ने दी कई सुविधाएँ, 
ठंड में गीजर से नहाते। 
शंका का हो समाधान।
मुझको पढ़ना है विज्ञान॥

मोहल्ला-बरगदवा (नई बस्ती), 
निकट गीता पब्लिक स्कूल 
पोस्ट-मड़वा नगर 
(पुरानी बस्ती)
जिला-बस्ती-२७२००२ (उ.प्र.)
दूरभाष : ७३५५३०९४२८

हमारे संकलन