सौ पत्ते-सौ साल

सौ पत्ते-सौ साल

जॉन गल्सवर्थी का जन्म १४ अगस्त, १८६७ को किंग्सटन अपॉन टेम्स, सरे (इंग्लैंड) में हुआ। अपनी पढ़ाई के साथ ही उन्होंने लेखन के क्षेत्र में प्रवेश किया। एक अंग्रेजी कवि, उपन्यासकार और नाटककार के रूप में उन्होंने प्रसिद्धि पाई। उनकी सर्वाधिक लोकप्रिय कृति ‘द फोर्साइट सागा’ मानी जाती है। इसके साथ ही ‘ए मॉडर्न कॉमेडी’ और ऐंड ऑफ द चैप्टर’ उनकी उल्लेखनीय कृतियाँ हैं। उनकी कविताएँ उनके उपन्यासों एवं नाटकों के समान लोकप्रिय हैं। उन कविताओं का भावनात्मक प्रभाव उनकी संयमित भाषा और शांत चिंतन तथा आंतरिक संघर्ष के क्षणों को पकड़ने की उनकी क्षमता से प्रतिबिंबित होता है। उनकी रचनाएँ तत्कालीन लेखकों यथा थॉमस हार्डी और एच.जी. वेल्स के साथ समानता रखती हैं। साहित्य के क्षेत्र में उन्हें वर्ष १९३२ में ‘नोबेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। ६५ वर्ष की आयु में ३१ जनवरी, १९३३ को हैम्पस्टेड, लंदन (इंग्लैंड) में उनका स्वर्गवास हो गया।


इंग्लैंड पुरुषों को मुक्त करेगा
मेरे खून के लोग, हे अंग्रेज जनो!
धुँधली पहाड़ियों और धुँधले दलदलों से,
झोंपड़ी और नगर, और हल/खेत से
और मैदान से।
अंदर आओ—इससे पहले कि मैं
दरवाजा बंद कर दूँ।
पत्थरों से पटे मेरे आँगन में
जो नाम रखते हैं
वे ह​ियों को भी रखते हैं,
केवल उन अंग्रेजों का जो आए थे
अपने जीवन से मुक्त
मेरी प्रसिद्धि की रक्षा के लिए।
मैं तुम्हारी जन्मभूमि हूँ
जिसने तुम्हें जन्म दिया
पालन-पोषण किया
न संचालित दिल, न संचालित दिमाग,
मैं हर समुद्र में झंडा फहराता हूँ
स्वतंत्रता की, पुरानी पृथ्वी के चहुँओर।
मैं वह भूमि हूँ, जो मुकुट का दावा करती है,
सूर्य उगता है, सूर्य ढलता है
और मेरे बारे में कोई मनुष्य
कभी कुछ नहीं कह सकता,
मेरी एक नस्ल है, जो स्वतंत्र नहीं है।
मेरे पास एक फूलमाला है,
मेरा माथा उसे पहनता है
सौ पत्ते-सौ साल
मैंने ये शब्द कभी नहीं सुने/नहीं जानता था
‘आपको अवश्य’
और क्या—मेरी माला फिर मिट्टी में मिल जाएगी?
स्वतंत्र आदमी!
दरवाजा अभी आधा खुला है;
उत्तरी तारे से दक्षिणी तारे तक,
हे! तुम जो गिनते हो और
तुम जो गहराई से खोजते हो,
अंदर आओ
मेरी घड़ी में बारह बजने से पहले।
डेवोन मेरे लिए
जहाँ मेरे पिता खड़े थे
समुद्र को देखना
तूफान में डूबी हेरिंग नावें
आश्रय को गले लगाते हुए;
वहाँ रहती है मेरी माँ
दलदली भूमि और पेड़
फूल को देखो-खिलने का नजारा
डेवोन मेरे लिए।
जहाँ मेरे पिता/पुरखे चले थे,
हल चलाते हुए;
पूरे दिल से सीटी बजाते थे
अब सीटी कौन बजाता है?
वहाँ मेरी माँ जलाती है
आग की लकड़ियाँ, बिना किसी रोक के,
जलाऊ लकड़ी के धुएँ की खुशबू!
डेवोन मेरे लिए!
जहाँ मेरे पिता/पुरखे बैठे थे
अपने कटोरे पास/पार करते हुए
उनके पास अब कोई साइडर नहीं है,
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे!
वहीं मेरी माँ खाना खिलाती है
तीन लाल मवेशियों को।
मलाई के बरतन का स्वाद
डेवोन मेरे लिए।
जहाँ मेरे पिता सोते हैं,
मिट्टी में मिलते हुए
यह वृद्ध शरीर फैंक दूँगा
जब मरना होगा मुझे!
वहीं मेरी माँ बुलाती है
वह जाग्रत् है!
पश्चिमी-हवा की आवाज/ध्वनि
डेवोन मेरे लिए।
जहाँ मेरे पिता झूठ बोलते हैं
जब मैं चला जाता हूँ
मुझे मृत होने पर
किसे दया करने की जरूरत है
कभी नहीं/कोई नहीं!
वहाँ मेरी माँ मुझे गले लगाती है/लिपटती है
मुझे! मुझे रहने दो
लाल धरती को महसूस करो
डेवोन मेरे लिए।
अतीत    
मेरे दिल में घंटियाँ बज रही हैं
मकड़ी के जाले जैसी उनकी झनकार;
मरने वाले/बीते दिनों की पुरानी बड़बड़ाहट
उनकी सिसकियों का बहना
मेरे दिल में घंटियाँ बज रही हैं।
तारे टिमटिमाए और बुझ गए
खबूसूरत मोमबत्तियाँ बुझा दी गईं!
जोश कम हो गया और
कमजोर हो गया है
वह राख की आग, जो कभी भड़क उठी थी
तारे टिमटिमाए और बुझ गए।
त्रुटि
आओ! आइए हम भाला टिकाएँ,
और एक जंगली आकाश के नीचे
पवनचक्कियों पर वार करें/झुकें
क्योंकि—कौन इतना तुच्छ और 
अपवित्र जीवन जीएगा,
क्या वह मरने से पहले किसी चीज पर
वार करने की हिम्मत नहीं करेगा,
क्या वह मर जाएगा?
अपितु सुरक्षित बहुमत से जाँच की गई
अपने छोटे से जीवन को
छोटे-छोटे कार्यों/उद्देश्यों के लिए सुरक्षित रखें,
और कभी विद्रोही युद्ध पुकार न निकालें!

केशव कुंज, 
स्कूल नं. ४ के पास,
बाड़मेर-३४४००१ (राज.)
दूरभाष : ९४१३५२६६४०

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