यह बदलाव सुखद है...
सोशल मीडिया के वर्चस्व के इस दौर में अब आपको हर दिन कविता-पाठ के अनेक कार्यक्रम देखने काे मिल जाएँगे, जिन्हें देश या विदेश के अनेक पटल नियमित रूप से आयोजित करते रहते हैं। ...और आगे
प्रतिस्मृति
होली
गोपाल प्रसाद व्यास
प्रख्यात साहित्यकार पं. गोपालप्रसाद व्यास का जन्म १३ फरवरी, १९१५, गोवर्धन, मथुरा में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा पारसौली के निकट भवनपुरा में। ...और आगे
कहानी
भरोसा
अश्विनीकुमार दुबे
सुपरिचित व्यंग्य-लेखक एवं उपन्यासकार। उत्कृष्ट लेखन के लिए भारतेंदु पुरस्कार, अखिल भारतीय अंबिका प्रसाद दिव्य पुरस्कार प्राप्त। ...और आगे
कविता
दो कविताएँ
महेश चंद्र द्विवेदी
सुपरिचित लेखक। अब तक कविता, कहानी, व्यंग्य, संस्मरण, उपन्यास, आलेख आदि विधाओं की लगभग दो दर्जन पुस्तकें प्रकाशित। ...और आगे
आलेख
होली का धार्मिक और पौराणिक महत्त्व
ओमप्रकाश प्रजापति
लेखक-संपादक। अलग प्रकृति की मासिकी
'ट्रू-मीडिया' के संपादक। अब तक देश-विदेश के साहित्य, कला एवं संस्कृति से जुड़े सौ से अधिक व्यक्तियों के व्यक्तित्व-कृतित्व पर विशेषांक प्रकाशित। ...और आगे
कहानी
प्यार के रंग
मंजरी शुक्ला
सुपरिचित बाल-साहित्यकार। अब तक विविध विषयों पर बाईस पुस्तकें प्रकाशित। अनेक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त। ...और आगे
संस्मरण
जोगिरासरर
भावना शेखर
सुपरिचित लेखिका।मधुबन संबोधन पुरस्कार', 'साहित्य-सेवी' एवं 'शताब्दी पुरस्कार'। संप्रति ए.एन. कॉलेज पटना में अध्यापन। ...और आगे
लघुकथा
मन की व्यथा
डोली शाह
पिता के संस्कार और शिक्षा के कारण पुत्र भी घर को एक मंदिर ही मानता था। इसलिए वक्त के साथ राहुल ने पिता की बात मान शादी कर ली। ...और आगे
बालगीत
भीगे अँगनाई
राकेश चक्र
सुपरिचित कवि। विविध विधाओं में लगभग सौ पुस्तकें प्रकाशित। उ.प्र. पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग से सेवानिवृत्त। संप्रति एक्यूप्रेशर की निशुल्क चिकित्सा सेवा में रत। ...और आगे
राम झरोखे बैठ के
शहर के जंगल की बढ़ती हिंसा
गोपाल चतुर्वेदी
शहर के जंगल में इधर हिंसा तरक्की पर है। जैसे तकनीकि विकास और हिंसा में प्रतियोगिता हो कि कौन किससे आगे हैं? ...और आगे
हास्य-व्यंग्य
दिल तो बच्चा है जी!
राजेंद्र निशेश
जाने-माने व्यंग्य-लेखक। अब तक आठ व्यंग्य-संग्रह, छह काव्य-संग्रह, चार बाल-काव्य-संग्रह प्रकाशित।
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यात्रा-वृत्तांत
कच्छ-सौंदर्य का सफेद विस्तार
सुमन बाजपेयी
जानी-मानी लेखिका। छह कहानी-संग्रह समेत अन्य विषयों पर १७ पुस्तकें तथा १००० से अधिक कहानियाँ व लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। ...और आगे
ललित निबंध
ओ आम! बौराओ मत इतना
सनत
सुपरिचित लेखक। 'अभिषेक को लग गया चश्मा' तथा कुछ संपादित पुस्तकें एवं साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। ...और आगे
साहित्य का विश्व परिपार्श्व
पावर्स
मूल:एलिस मुनरो
अनुवाद:बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’
कनाडा की प्रतिष्ठित लेखिका। मनोवैज्ञानिक कहानियाँ लिखने में जीवन समर्पित। ...और आगे