Prabhat Books
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मई 

IS ANK MEN

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संपादकीय

वो एक पल...
कहानी यह है कि एक चोर चोरी करके भाग रहा था तथा एक पुलिसकर्मी उसे पकड़ने के लिए उसका पीछा कर रहा था। ...और आगे

प्रतिस्मृति

ब्रह्मांड बनाम राजदंड  हमारी सभ्यता के चेहरे की एक खास पहचान ब्रह्मांड बनाम राजदंड हमारी सभ्यता के चेहरे की एक खास पहचान
सूर्यकांत बाली भारतीय संस्कृति के अध्येता और संस्कृत भाषा के विद्वान् श्री सूर्यकांत बाली ने भारत के प्रसिद्ध हिंदी दैनिक पत्र नवभारत टाइम्स के सहायक संपादक बनने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। ...और आगे

संस्मरण

माँ की महिमा माँ की महिमा
डी.पी. सकलानी भारत में इतिहास एवं सांस्कृतिक विषयों के विशेषज्ञ। अब तक ६० से ज्यादा लेख अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित। ...और आगे

यात्रा-वृत्तांत

लक्षद्वीप की यात्रा लक्षद्वीप की यात्रा
श्रद्धा जलज घाटे एम.एससी. रसायनशास्त्र। भारतीय स्टेट बैंक सूरत और रतलाम में ३४ वर्ष सेवाएँ देने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। ...और आगे

कहानी

एक अधूरी कहानी एक अधूरी कहानी
अर्चना पैन्यूली सुपरिचित लेखिका। अब तक नौ पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें चार उपन्यास, चार कहानी-संग्रह और एक डेनिश-हिंदी अनुवाद शामिल। ...और आगे

व्यंग्य

पानी की टंकी तो आएगी ही पानी की टंकी तो आएगी ही
बी.एल.आच्छा सुपरिचित कवि-लेखक, व्यंग्यकार। आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के उपन्यास, सर्जनात्मक भाषा और आलोचना..... ...और आगे

लघुकथा

वह नाश्ता
मृत्युंजय कुमार मनोज फिर से सूखी रोटी और आलू की सब्जी। पिछले तीन महीने से यही खाना खा-खाकर ऊब चुका हूँ। ...और आगे

राम झरोखे बैठ के

सब चलता है का दृष्टिकोण सब चलता है का दृष्टिकोण
गोपाल चतुर्वेदी अपना-अपना नजरिया है। कुछ हैं, जो जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं। वाहन के नाम पर उनके पास एक स्कूटर है। ...और आगे

आलेख

साहित्योत्सव-२०२५ साहित्योत्सव-२०२५
राजेश कुमार व्यास जाने-माने कवि-निबंधकार। कविता, यात्रा-संस्मरण, आलोचना, निबंध आदि की २५ मौलिक पुस्तकें। ...और आगे

कविता

सोते हुए को जगाया
देवेंद्र कुमार मिश्रा टेसू के फूल फागुन का मास  टेसू के फूल  शांत करे हृदय के शूल  ...और आगे

ललित निबंध

रेवा थारो सरसी रयो संदेशो रेवा थारो सरसी रयो संदेशो
नर्मदा प्रसाद सिसोदिया सुपरिचित लेखक एवं ललित-निबंधकार। पत्र-पत्रिकाओं में ललित-निबंध का निरंतर प्रकाशन। ...और आगे

साहित्य का भारतीय परिपार्श्व

रजनी बिदूर दिश    रजनी बिदूर दिश
मूल : रूमी लस्कर बोरा अनुवाद : विजय कुमार यादव रूमी लस्कर बोरा असमिया की सुपरिचित कवयित्री, कथाकार, अनुवादिका, स्तंभ-लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं। ...और आगे

कहानी

प्रोफेसर की बिल्लियाँ प्रोफेसर की बिल्लियाँ
नरेश कौशिक सुपरिचित लेखक-संपादक। कहानी-संग्रह 'रब्बी' हिंदी के साथ उर्दू में अनुवाद प्रकाशित। ...और आगे

गीत

दो गीत दो गीत
त्रिलोक कौशिक सुपरिचित रचनाकार एवं लेखक। किरोड़ीमल काॅलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर एवं एम. फिल.। ...और आगे

आलेख

पं. विद्यानिवास मिश्र की ‘हिंदी दृष्टि’ पं. विद्यानिवास मिश्र की ‘हिंदी दृष्टि’
सचिन शुक्ला पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा में पं. विद्यानिवास मिश्र के निबंध साहित्य पर शोध कार्य में रत। ...और आगे

एकांकी

जल बचाओ जल बचाओ
पूर्णिमा मित्रा सुपरिचित रचनाकार। बदलते रिश्ते (कहानी-संग्रह), आठ साझा संकलन में रचनाएँ शामिल... ...और आगे

स्‍मरण

सांस्कृतिक दृष्टि-संपन्न बालीजी सांस्कृतिक दृष्टि-संपन्न बालीजी
अवनिजेश अवस्थी राष्ट्रीय विचारों के प्रखर लेखक, चिंतक, टी.वी. डिबेट्स का एक प्रमुख चेहरा। ...और आगे