RNI NO - 62112/95
ISSN - 2455-1171
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दिखावासेठ चिमनलाल चिल्ला-चिल्लाकर लोगों को पहाड़वाले मंदिर पर चलने के लिए कह रहा था कि वहाँ पर सभी को पेट भर भोजन मिलेगा। एक असहाय वृद्ध ने कहा, ‘‘बेटा, मुझसे पहाड़ पर चढ़ा नहीं जाएगा। मैं भूखा हूँ और बूढ़ा हूँ। मुझे तो यहीं पर भोजन दे दो। भगवान् आपका भला करे!’’ एक आदमी भोजन लेकर पहाड़ पर चढ़ रहा था। वह वृद्ध व्यक्ति पर तरस खाकर रुका और उसे खाना देने लगा। सेठ ने कहा, ‘‘यह क्या कर रहा है! अपनी दरियादिली बंद कर और चल। हमारी सारी मेहनत पर पानी फेरेगा क्या, यहीं बाँटने लगा, यहाँ कौन देखेगा? यहाँ न भीड़ है और न मीडिया।’’ पो.बॉ. नं ६० भीलवाड़ा-३११००१ (राजस्थान) |
अप्रैल 2024
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